hello friends,
क्या आप जानते है जहाँ पर india सफाई के मामले में बहुत देशो से पीछे है वही एक ऐसा गांव भी है जो asia का सबसे  clean गांव है । वह गांव है मेघालय का Mawlynnong गांव । इस गाँव को भगवान का अपना बगीचा का नाम दिया गया है । सफाई के साथ साथ यहाँ के लोग पढाई में भी ज्यादा विश्वास करते है इसलिए यहाँ का साक्षरता दर १०० % है । यहाँ पर हरकोई सिर्फ English भाषा ही जानता है ।  यह गाँव 2003 में asia का सबसे साफ और 2005 में india का सबसे साफ गाँव बना ।




यहाँ पर किसी सफाई कर्मचारी की जरूर नहीं है । यहाँ पर सभी गाँव वाले खुद ही सफाई करते है । सफाई व्यवस्था के लिए वो किसी भी तरह प्रशासन पर आश्रित नहीं है। यहाँ पर किसी भी गाँव वाले को चाहे वो महिला हो या पुरुष हो या फिर बच्चा हो जिसको भी कुछ भी गंदगी नजर आती है तो वो तुरंत ही उसे साफ कर देता है । पुरे गाँव में हर जगह पे बांस के डस्टबिन लगे पड़े है । इस गाँव के लोग सफाई के प्रति इतने जागरूक है की वो कहीं भी जा रहे हो और कचरा दिख गया तो वो उसे साफ करके ही जायेंगे चाहे वो टाइम सुबह का हो या दोपहर काया फिर शाम का । सफाई के मामले में ये लोग किसी भी तरह से
प्रशाशन पर निर्भर नहीं रहते । खुद ही करते है । यहाँ पर लोग हर घर में बांस के बने डस्टबिन में कचरा जमा करता है और वो खेती के काम में खाद की तरह इस्तेमाल करते है ।




यह गाँव खासी हिल्स डिस्ट्रिक्ट में है । जो मेघालय के शिलॉन्ग और भारत बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर है । सन 2014 की वस्ती गणना के हिसाब से यहाँ पर सिर्फ 95 परिवार ही रहते है । यहाँ पर ज्यादातर सुपारी की खेती ज्यादा होती है । और यहाँ के लोगो की आजीविका भी यही है । इस गाँव के आसपास टूरिस्ट के लिए भी बहुत सारे attractions है जैसे की waterfall, living root bridge( पेड़ों की जड़ो से बने ब्रिज ), और बैलेंसिंग रॉक्स भी है । इससे भी ज्यादा खूबसूरत और फेमस टूरिस्ट attraction है वो है 80 फुट ऊँची मचान पर बैठकर शिलॉन्ग की प्राकृतिक खूबसूरती को देखना । आप मावल्यान्नॉंग घूमने जा सकते हो लेकिन ध्यान रखना के आपके ध्वारा  वहां की सुंदरता किसी तरह ख़राब न हो । इस गाँव की और एक खास बात यह है की यहाँ पर प्राकृतिक पुल पेड़ों की जड़ से बने हुए है । और इस तरह के पुल पुरे विश्व में  सिर्फ मेघालय मैं ही देखने को मिलते है । गाँव में कहीं जगह पर प्रयटकों के लिए जलपान सुविधा के लिए ठेठ ग्रामीण परिवेश की टी स्टाल बनी हुई है जहाँ आप चाय का आनंद ले सकते है इसके अलावा एक रेस्टोरेंट भी है जहाँ आप भोजन कर सकते है ।


मावल्यान्नॉंग गाँव शिलॉन्ग से 90 किलोमीटर और चेरापूंजी से 92 किलोमीटर पर स्तिथ है दोनों जगह से आप सड़क के जरिये पहुँच सकते है । आप चाहे तो शिलॉन्ग तक देश के  किसी भी हिस्से से by plan पहुँच सकते हो ।
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Reviewed by Ravi Parwani on 09:17 Rating: 5

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